वीर कुर्बान देश महान कविता ....

(pulwama attack poetry)

यह सच है कि मैं बहुत रोया नहीं
पर सारी रात मैं सोया नहीं
घूमता रहा उन वीर जवानों की शहादत का मंजर
बेबस और लाचार पड़ा,मैं कोसता रहा और
सोचता रहा ,कि
घोंप दूँ इन आतंकियों के सीने में खंजर
कोई घर से छुट्टी मना के आया था
जाने क्या क्या वादे कर के आया था
हो गया वो वीर कुर्बान
जिसके लिए था ये देश महान
फिर से टीवी और सोशल मीडिया पर
बहस का दौर शुरु हो जाएगा
शब्दों के जाल से एक दूजे को बाँधा जाएगा
कोई युद्ध का ,तो कोई वार्ता का सुझाव दे कर जाएगा
पर कैसे निकले इस आतंकवाद का हल
ये कोई नहीं बतलाएगा
कुछ दिन में सब सामान्य हो जाएगा
कोई हिंदुत्व को तो कोई इस्लाम को खतरे में बताएगा, कोई आरक्षण की गाथा सुनाएगा
हर कोई अपनी मौज के गीत गायेगा
रोती होगी उस वीर की आत्मा, कि हम जैसे खुदगर्ज़ों के लिए हो गया उसका ख़ात्मा
कुछ बरसों में पुलवामा फ़िल्म बनाई जाएगी
पॉपकॉर्न और पेप्सी संग थिएटरों में देखी जाएगी
उरी से ज़्यादा हिट हो जाएगी
इन वीरों की शहादत भी बहुतों की कमाई का ज़रिया होगा
असलियत में उस वीर का परिवार  जाने किस दर भटकता होगा
अब तो तुम ही जाग जाओ भगवान
इंसानियत पर हावी हो गया हैवान
जय हिंद 🇮🇳जय हिंद की सेना🇮🇳

     

पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए  सीआरपीएफ के वीर जवानों को सभी भारतीयों का शत-शत सादर नमन🙏