अपने विचार



कभी - कभी हमें ऐसा लगता हे की हम इस दुनिया में किसी मिशन पर आए हे, और कोई तो चीज हे जो हमसे छुपती जा रही हे, पर मन विचलित व बदलता तथा भटकता भी रहता हे। कभी हमें इस दुनियाँ की हर वस्तु इतनी आसान दिखाई देती हे, की जी करता हे की उसे पा ही लू , पर ये सब हमारी सोच होती है। हम अपनी सोच से कही ज्यादा आगे भागते हे। हमें पता हे की हम इस दुनिया का छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम कर सकते है। पर हम उन लोगो की बातो में आ जाते हे जो ना तो कुछ खुद करते हे, और न ही दुसरो को करने देते हे और ये कठिन से कठिन शब्द हमारे सामने खड़े कर देते हे। फिर हमें ऐसे लगने लगता हे, की इस दुनियाँ का हर काम हमसे नहीं होगा। क्योकि हम उन लोगो की बातो को अपनी सोच में मिला देते है। पता नहीं ऐसा क्यू होता है? 


जय हिंद जय भारत  !
                                                ________अनुज सम्राट जी