"मां मैं जीना चाहती हूं" (अनुज सम्राट)
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
तेरे आंचल को पंख बनाकर
आसमान में उड़ना चाहती हूं
मां तेरी आंखों का तारा बेटा है
मैं तेरे माथे की बिंदिया बन जाऊंगी
मुझे आने दे इस संसार में,
मै सबकी लाडली बन जाऊंगी
बिटिया हूं मैं तेरी
मैं तेरी शान बनकर दिखाऊंगी
मां बेटा तेरा अभिमान है
तो मैं तेरा स्वाभिमान बन जाऊंगी
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
मत मारो मुझे इस गर्भ में
मैं भी जीना चाहती हूं ।
मां मैं वादा करती हूं
मैं सच करके दिखा दूंगी
बने बेटी से पहचान तुम्हारी
मैं ऐसा करके दिखा दूंगी
तेरे साए में रहकर घर के
आंगन में खिलना चाहती हूं
तेरे नाम की खुशबू इस
संसार में महकाना चाहती हूं
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
तेरे आंचल को पंख बनाकर
आसमान में उड़ना चाहती हूं
By Anuj Samrat
मां मैं जीना चाहती हूं। |
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
तेरे आंचल को पंख बनाकर
आसमान में उड़ना चाहती हूं
मां तेरी आंखों का तारा बेटा है
मैं तेरे माथे की बिंदिया बन जाऊंगी
मुझे आने दे इस संसार में,
मै सबकी लाडली बन जाऊंगी
बिटिया हूं मैं तेरी
मैं तेरी शान बनकर दिखाऊंगी
मां बेटा तेरा अभिमान है
तो मैं तेरा स्वाभिमान बन जाऊंगी
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
मत मारो मुझे इस गर्भ में
मैं भी जीना चाहती हूं ।
मां मैं वादा करती हूं
मैं सच करके दिखा दूंगी
बने बेटी से पहचान तुम्हारी
मैं ऐसा करके दिखा दूंगी
तेरे साए में रहकर घर के
आंगन में खिलना चाहती हूं
तेरे नाम की खुशबू इस
संसार में महकाना चाहती हूं
मां मैं जीना चाहती हूं
इस संसार में आना चाहती हूं
तेरे आंचल को पंख बनाकर
आसमान में उड़ना चाहती हूं
By Anuj Samrat
5 Comments
Great dear..
ReplyDeleteThanks 🙏
Deletebhut sundar kavita
ReplyDeleteThanks Bhai 🙏🙏
DeleteFull of emotions.
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